मैं टीम के सभी सदस्यों और उनके परिवारों को चल रहे त्योहारों के सीजन की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। मुझे ऐसे प्रोफेशनल लोगों की टीम का नेतृत्व करने का सौभाग्य मिला है जिन्होंने वेअरहाउसिंग और अन्य संबद्ध गतिविधियों के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। हमारा प्रयास रहेगा कि हम अपनी स्थिति को और सशक्त करें। मैं आप सभी के साथ मिलकर काम करने और इस सशक्त आधार पर आगे निर्माण के लिए उत्सुक हूं।
जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं, आइए हम अपनी शक्ति को बढाएं और लगातार विकसित हो रहे वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में नए अवसरों का लाभ उठाएं। मेरा मानना है कि एक साथ मिलकर हम अधिक दक्षता, नवाचार और संवृद्धि कर सकते हैं। सेवा के उच्च मानकों को सुनिश्चित करते हुए हमारे ग्राहक हमसे अपेक्षा करते आए हैं।
मैं मुक्त संवाद, टीमवर्क और आपसी सम्मान में दृढ़ विश्वास रखता हूँ। आपकी अंतर्दृष्टि और समर्पण ही इस निगम को सशक्त बनाते हैं। आपके विचारों का सदैव स्वागत है क्योंकि हम अपने साझा लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक साथ कार्य करेंगे।
हमारे निगम की सामर्थ्य इस बात में निहित है कि कैसे हम एक दूसरे का सहयोग करते हैं, विचारों को साझा करते हैं और चुनौतियों का मिलकर सामना करते हैं। वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स उद्योग लगातार विकसित हो रहा है और आगे रहने का अर्थ है कि नए विचारों और प्रौद्योगिकियों को अपनाने में तत्पर रहना और अपने दृष्टिकोण को व्यापक बनाना।
आइए लॉजिस्टिक लागत को जीडीपी के 8% से कम करने के सरकार के अधिदेश को साकार करने के लिए एकजुट होकर कार्य करें और स्वयं को राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित करें।
मैं टीम के सभी सदस्यों और उनके परिवारों के निरंतर स्वास्थ्य और कल्याण के लिए प्रार्थना करता हूं।
Around the year 2000, Infosys adopted the policy of Doing It All (DIA) by providing
end to end services, right from starting stage of technology consulting to re-designing the
client’s operation to strategy, writing IT system specification, developing, testing, installing
necessary software applications, upgradation of IT infrastructure and at the end, Operation &
Maintenance of software & hardware. By doing all, Infosys captured range of services of the
client company. It resulted into Customer (Client) Value Creation (CVC) i.e., Client Company
saved lots of money & time, achieved ease of doing business, became free from hassles of
coordinating 5 to 6 vendors for one job. This in turn helped the client company to concentrate
and develop core functions & products.
CWC mostly does storage function which accounts for 70% of its operating turnover.
We are also doing transportation, handling (receipt/issue) and inventory management for few
depositors, but not for all commodities & clients (depositors). Many depositors of CWC are
getting these services through outside labour & contractor.
Cost of H&T in the supply chain logistics is about 60% of total logistics cost whereas
storage cost is about 20%. Therefore, CWC is losing hugely, say, about Rs.1000 crore of
turnover. We are also losing on account of supervision charges on handling, transportation,
inventory management, Pest Control fumigation, disinfestation services, etc.
CWC is mostly doing storage for FCI, NAFED, CCI, CMSS, State Civil Supplies
Corporations, etc, but we are not doing handling (both at the time of receipt & dispatch) and
transportation (to & from warehouse) and inventory management, for all depositors. These are
varying from region to region. Thus, we are losing income from associated services, which
others are doing from CWC campus, though the stock is stored in central warehouses.
Therefore, all of us should study business profile of various depositors and their supply
chain logistics. We should propose plans to take-up possible logistics function of depositors
by following the concept of Do It All (Dia), for mutual benefits of all.
निगम के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी,
सीडब्ल्यूसी, मिनी रत्न अनुसूची "ए" कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यग्रहण करना मेरे लिए अत्यंत गर्व का विषय है। यह निगम वर्ष 1957 से लगातार शेयरधारकों को लाभांश दे रहा है और अपने सुदृढ़ व्यावसायिक क्षेत्रों के साथ यह अखिल भारतीय स्तर पर विविध सुविधाएं प्रदान कर रहा है तथा इसमें सक्षम एवं प्रतिबद्ध जनशक्ति है। वैज्ञानिक वेअरहाउसिंग के क्षेत्र में अपनी विशेष सक्षमता के साथ निगम भारतीय अर्थव्यवस्था की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए बेहतर सेवाएं भी प्रदान कर रहा है। यह अत्यधिक प्रतिस्पर्धात्मक सेवा क्षेत्र में काम कर रहा है जबकि वर्तमान स्थिति एकाधिकार से खुले बाजार की अर्थव्यवस्था में बदल रही है। वर्ष 2050 तक जिन वेअरहाउसिंग सुविधाओं की आवश्यकता होगी वह वर्ष 1950 से भिन्न होगी। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की 31% आबादी की तुलना में वर्ष 2050 तक लगभग 60% आबादी शहरों में होगी और कई शहरों में आबादी 100% से अधिक हो जाएगी। भारत वर्ष 2050 तक जीडीपी (पीपीपी) के आधार पर दुनिया की नंबर एक अर्थव्यवस्था बनने की कोशिश कर रहा है। हमारी लॉजिस्टिक लागत (जीडीपी का 13%) और लॉजिस्टिक परफॉर्मेन्स इंडैक्स (35) विकसित देशों की लॉजिस्टिक लागत (जीडीपी का 8%) की तुलना में अधिक है। किसानों की आय और लिक्विडिटी को बढ़ाने की आवश्यकता है, क्योंकि 58% आबादी अभी भी कृषि आय पर निर्भर करती है। वेअरहाउसिंग लॉजिस्टिक वेल्यू चेन का सबसे छोटा हिस्सा है, लेकिन यह सप्लाई चेन की अधिकतम अवधि के लिए वस्तुओं को जिम्मेदारी से स्टोर करता है। खाद्यान्न खरीद, भंडारण, परिवहन और वितरण की उच्च लॉजिस्टिक लागत को वहन नहीं कर सकता क्योंकि परिवहन के लिए मात्रा के अनुपात में वजन प्रतिकूल होता है और यह प्राइस सेंसिटिव वस्तु है। अत: निगम को कम लॉजिस्टिक लागत पर व्यापार और उद्योग की मांग को पूरा करने के लिए स्वयं को तैयार रखना चाहिए।
पिछले कुछ वर्षों से सीडब्ल्यूसी का टर्नओवर लगभग 1600 करोड़ रु रहा है, जिसमें वेअरहाउसिंग एवं बाजार सुविधा शुल्क का योगदान 85% है तथा शेष 15% सीएफएस/आईसीडी, सीआरटी, आईसीपी, पीसीएस, ब्याज और लाभांश आय से प्राप्त होता है। पिछले तीन वर्षों में गैर-परिचालित वेअरहाउसों में काफी मरम्मत होने के बाद वित्तीय वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में भंडारण स्थान की उपयोगिता में कुछ सुधार आया है। हमारा प्रयास सभी गोदामों को पूर्ण प्रचालनात्मक तथा विश्वस्तरीय बनाने का रहेगा, ताकि ये गोदाम कृषि उत्पाद, एफएमसीजी, औद्योगिक सामान, ई-कॉमर्स, खुले स्टॉक यार्ड, कोल्ड चेन (नियंत्रित वातावरण और तापमान), वितरण लॉजिस्टिक इत्यादि के भंडारण के लिए सरकार तथा निजी ग्राहकों की पहली पसंद बन सकें।
सीडब्ल्यूसी को अधिक वेअरहाउसों, साइलोज़, मेज़नाइन फ्लोर, उच्च स्तरीय वेअरहाउस, पेरिशेबल कार्गो केंद्र, निजी फ्रेट टर्मिनल आदि को शामिल करते हुए दुर्लभ और महंगी भूमि तथा स्थान के बेहतर उपयोग के लिए व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ने की आवश्यकता है। सीडब्ल्यूसी को भारतमाला, सागरमाला, डेडिकेटिड फ्रेट कॉरीडोर तथा अन्य ग्रोथ ड्राइवर्स जैसे जीएसटी, प्राइमरी वेअरहाउसिंग हब, स्थान एवं सुविधा केंद्रों, डीएमआईसी एवं एकेएमआईसी, फ्रेट विलेज एवं अन्य एमएमएलपी, मैनुफैक्चरिंग थ्रस्ट (मेक-इन-इंडिया) के माध्यम से सृजित किए जा रहे परिवहन इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़ी मात्रा में पूंजी लगाने के लिए गैर-प्रतिस्पर्धी भागीदारों विशेष रूप से, सरकारी संस्थाओं तथा पीएसयू (एयरपोर्ट, रेलवे, बंदरगाह और राजमार्ग) के साथ स्ट्रेटेजिक टाई-अप करने की आवश्यकता है ताकि वर्ष 2030 तक ई-कॉमर्स, एक्सपोर्ट आदि से जीडीपी में 30% से अधिक शेयर प्राप्त किया जा सके। घरेलू कार्गो, विशेषकर रेलवे और कोस्टल शिपिंग के विद्युतीकृत सेक्शन के तहत डबल स्टैक के छोटे कंटेनर द्वारा खाद्यान्न के परिवहन, पीईजीएस (लगभग 250 एलएमटी) आदि के तहत साइलोज़ और वेअरहाउस की स्थापना से वेअरहाउस स्थान, आकार और संख्या की पूरी गतिशीलता बदल जाएगी। सीडब्ल्यूसी को, अतिरिक्त वस्तुओं को भंडारण की ओर उन्मुख करने के लिए ग्राहक मूल्य सृजित आवश्यकताओं के अनुसार निरंतर बदलते परिदृश्य के साथ स्वयं को तैयार करना चाहिए।
सीडब्ल्यूसी को ग्राहकों की सेवा/गुणवत्ता, समय और मूल्य संवेदनशीलता के अनुसार कार्य करने की आवश्यकता है। हमें पेपरलेस ऑफिस कार्य के लिए ई-गवर्नेन्स, रियल टाइम डिस्ट्रीब्यूटिड डिसीज़न मेकिंग, डब्लूएमएस/डॉस, संभावित ग्राहकों को आकर्षित करने तथा भंडारण स्थान की ऑनलाइन बुकिंग, कार्गो की मशीनीकृत/स्वचालित हैंडलिंग इत्यादि के लिए डिजिटल मार्केटिंग (ग्राहकों की निरंतर वेब-आधारित विज़ीबिलिटी/मॉनीटरिंग) जैसे आधुनिक उपकरणों का उपयोग करके सभी हितधारकों विशेष रूप से, कर्मचारियों और ग्राहकों की इक्विटी को सुनिश्चित कर सुधारना चाहिए।
आइए, हम अपनी मूल सक्षमता और प्रतिबद्धता को विकसित करते हुए सीडब्ल्यूसी को आगे बढ़ाने के लिए एक साथ मिलकर कार्य करने की शपथ लें। आइए, हम वेअरहाउसिंग सेक्टर में आने वाली बाधाओं को दूर करें और सीडब्ल्यूसी में उत्साह के साथ कार्य करते हुए देखें कि हम निगम के हित में क्या कर सकते हैं। आइए, हम सर्वोत्तम वेअरहाउसिंग सेवा प्रदाता बनने के लिए वर्ग भेद को समाप्त करते हुए प्रबंधन, संस्कृति, जनशक्ति, वित्तीय हित और प्रौद्योगिकी जैसी सभी शक्तियों को एक-साथ मिलाकर कार्य करें। आइए, हम अर्जुन की भांति अपने ग्राहकों और एकमात्र सबसे महत्वपूर्ण इकॉनोमिक डिनोमिनेटर "प्रति टन भंडारण लाभ" पर ध्यान केंद्रित करें तथा ‘जन-जन के लिए भंडारण’ को वास्तव में सार्थक बनाएं।
1. मैं आप सभी को 72वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। आइए, अब हम इस राष्ट्रीय पर्व के महत्व का सम्मान करने का संकल्प लें, अपनी क्षमता के अनुसार राष्ट्र, समाज एवं सीडब्ल्यूसी की सेवा करें, देश के कानून का सम्मान करें, सशक्तिकरण, कर्तव्य एवं जिम्मेदारी के अनुसार कार्य करें।
2. आज, हमने ई-कैलेंडर 2021 जारी किया है। यह एक और डिजिटल मील का पत्थर है। इसे गहन अध्ययन के पश्चात तैयार किया गया है। मैं श्री ए.एम. राव, समूह महाप्रबंधक (कार्मिक और प्रणाली) और कार्मिक एवं एमआईएस विभाग के सभी कार्मिकों को उनके बेहतरीन प्रयास और नवीन विचार के लिए बधाई देता हूं, जिनका उद्देश्य वृक्षों/पर्यावरण को बचाना से अभिप्रेरित है। हम आने वाले दिनों में आपके सुझावों से इसमें और सुधार करेंगे। यह एक डाइनैमिक ई-कैलेंडर होगा, जिसे ग्राहकों, कर्मचारियों और सभी हितधारकों से शेयर किया जाएगा।
3. आज, हमने खाली जमीन के वैकल्पिक उपयोग पर रणनीतिक पहल, यानी पहली बार विचार विमर्श शुरू किया है। याद रखें अगर हमनें इस दुर्लभ और महंगी खाली जमीन का बेहतरीन व्यावसायिक उपयोग नहीं किया तो केंद्र सरकार इस भूमि का मौद्रिकरण भूमि का मुद्रीकरण करेगी जिससे निगम को भारी वित्तीय नुकसान होगा। हमें बेहतर प्रदर्शन करना होगा नहीं तो हम भी पुराने जमींदारों की तरह समाप्त हो जाएंगे। इस स्तर पर, मैं महाप्रबंधक (वाणिज्यिक) श्री सैमुएल प्रवीण कुमार को निगम के विकास के प्रति उनकी सक्रिय विचारों के लिए बधाई देना चाहूँगा।
4. मैं आपके साथ आईआईटी दिल्ली-1985 का संस्मरण साझा करता हूं। स्वर्गीय डॉ. (प्रो.) कृष्णमूर्ति ने कक्षा में सभी 25 छात्रों को "प्लास्टिक सामग्री के वैकल्पिक उपयोग" परियोजना के साथ, विचार-मंथन करने के लिए प्लास्टिक और पोस्टकार्ड का एक टुकड़ा दिया। मेरे सहपाठियों ने शर्ट के छोटे बटन से लेकर मनुष्य की रॉकेट यात्रा तक अनेक विकल्प दिए।
5. ये कोई बेतुका विचार भी हो सकता है लेकिन आप अपनी कल्पना को रोकें नहीं । सकारात्मक रहें। किसी की आलोचना न करें न ही दूसरों पर हँसे। अपने विचारों को बाँधें नहीं। सभी समस्याओं के एक से अधिक समाधान होते हैं। बस अपने विचारों को संक्षेप में लिखें और साझा करें और उस पर खुलकर चर्चा करें। अंतिम विचार-मंथन सत्र के दौरान संभावित समाधान, यानी कार्यान्वयन योग्य समाधान तक सीमित रहें।
6. प्रत्येक विचार-मंथन सत्र के अंत में, आपको एक्शन नोट/बिंदु लेने चाहिए। याद रखें, योजनाएं तब तक कागज का टुकड़ा होती हैं, जब तक यह कठिन परिणामों में नहीं बदलती। निगम का भविष्य आपके सार्थक/सुविचारित कार्य में निहित है। पहली बार ही अवसर का लाभ उठायें को पकड़ें और इसे निगम के विविध व्यवसायिक प्रोफ़ाइल और कार्य के अनुरूप बनाएं।
7. याद रखें, "आप सभी अपनी साइट, सेंट्रल वेअरहाउस, क्षेत्रीय कार्यालय के प्रबंध निदेशक हैं"। आपको गर्व और स्वामित्व होना चाहिए। आपको सोचना चाहिए कि यह आपका निगम है। साथियों, यह सब मस्तिष्क का खेल है कि आप माउंट एवरेस्ट पर चढ़ना चाहते हैं या नहीं।
8. अंत में, मैं इस पहले विचार-मंथन सत्र की शानदार सफलता की कामना करता हूं। आपकी टीम के प्रमुख श्री सैमुअल प्रवीण कुमार ने एक सुंदर टैगलाइन ‘ब्रेन फॉर बिजनेस ऑफ द ब्रेनहाउस ऑफ सीडब्ल्यूसी’ को चुना है।
9. प्रिय प्रवीण, सीडब्ल्यूसी को एक जीवंत, ऊर्जावान और आनंदमय निगम बनाने के लिए मैं व्यक्तिगत रूप से आपको धन्यवाद करता हूं।
A very Happy New Year-2022 to all employees, colleagues, CWC Parivar and Stakeholders Our corporation is on the cusp of achieving Rs.2500 crore turnover, coveted Navratna CPSE status and getting converted to Company. We are gradually giving up tagline of Warehousing Service Provider (WSP) of foodgrains to a sustainable mix of revenue streams of agriculture and
Other notified commodities, e-commerce, domestic and export-import,trade & industry, general & dedicated warehousing and covered & open storage, i.e., all eggs are not put in one basket”.We started monetization of un/under-utilized vacant land and vertical space of warehouse, much before the Govt. of India launched,