पारंपरिक कोल्ड स्टोरेज से आधुनिक भंडारण स्थान में परिवर्तन के कारण भारत के कोल्ड चेन क्षेत्र में 2025 तक 20% सीएजीआर (CAGR) बढ़ने की संभावना है।
यह आकलन पिछले कुछ महीनों से इस क्षेत्र के प्रदर्शन पर आधारित है। जहां कोविड के बाद की आर्थिक बाधाओं के बावजूद संगठित कोल्ड चेन सेगमेंट में देश भर में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गयी है।
मुंबई, दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु, चेन्नई, पुणे, कोलकाता, हैदराबाद जैसे टियर-I शहरों के साथ-साथ लखनऊ, कानपुर, रांची, पटना जैसे अन्य टियर-II शहरों में संगठित कोल्ड स्टोरेज या ‘पैलेटाइज्ड‘ कोल्ड स्टोरेज के अवसर हैं।
अगले 2 से 3 वर्षों में तापमान नियंत्रित भंडारण स्थान के हिस्से के रूप में अतिरिक्त 1.5 लाख में 2 लाख पैलेट क्षमता ((फ्रोजन और चिल्ड) को जोड़ा जा सकता है।
कोल्ड चेन का अर्थ जल्दी खराब होने वाले उत्पादों के मूल स्थान से उपभोग के स्थान तक परिवहन और भंडारण करता है, जो शेल्फ लाइफ को बढ़ाता है तथा खराब होने से बचाता है।
लगभग 60 प्रतिशत कोल्ड स्टोरेज क्षमता पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश एवं बिहार राज्यों में है, जिसमें से आलू की भंडारण क्षमता 85-90 प्रतिशत है। भारत की कोल्ड चेन इंडस्ट्री का योगदान कुल राजस्व में 43.7% है तथा कोल्ड स्टोरेज क्षमता 1000 मी.टन से केवल 36% से कम है। आने वाले वर्षों में लॉजिस्टिक्स सेक्टर में ऑटोमेशन अधिक मुखर हो जाएगा और हम मांग के नए सेगमेंट के लिए मल्टीमॉडल और कोल्ड सप्लाई चेन में इस नई पद्धति को उत्प्रेरक के रूप में देखते हैं।
संगठित कोल्ड चेन प्रचालकों द्वारा उच्च बाजार हिस्सेदारी पर कब्जा करने, गुणवत्ता वाले उत्पादों के लिए उपभोक्ता व्यवहार को बदलने और महामारी जैसी स्थिति में आपूर्ति की विश्वसनीयता हासिल करने से प्रेरित है।
जबकि पिछले 5 वर्षों में जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं के उत्पादन में लगातार वृद्धि होने के बावजूद सिंगल कमोडिटी स्टोरेज के हाई शेयर तथा भूमि एवं रेफ्रिजरेटर इकाइयों के लिए बढ़ते निवेश के कारण कोल्ड चेन क्षमता का पूरा उपयोग नहीं हुआ है।
इसके अतिरिक्त, आवश्यक सक्षम इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी, खराब होने वाली वस्तुओं को संभालने के लिए अपर्याप्त जागरूकता तथा भंडारण एवं परिवहन सेवाएं प्रदान करने वालों द्वारा खराब गुणवत्ता वाले सामान की कमी ने मांग को प्रभावित किया हैइसके अतिरिक्त, आवश्यक सक्षम इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी, खराब होने वाली वस्तुओं को संभालने के लिए अपर्याप्त जागरूकता तथा भंडारण एवं परिवहन सेवाएं प्रदान करने वालों द्वारा खराब गुणवत्ता वाले सामान की कमी ने मांग को प्रभावित किया है
वर्तमान समय में, तापमान संवेदनशील उत्पादों के रेफ्रिजरेटड भंडारण के लिए उनका परिवहन एवं भंडारण सप्लाई चेन का एक अभिन्न अंग बन गया है। जनसंख्या केंद्रों से निकटता, जनसंख्या वृद्धि, बदलती उपभोक्ता प्राथमिकताएं एवं उपभोक्ता खर्च कोल्ड चेन के लिए प्राथमिक हैं।
यह नोट किया जाता है कि परिवर्तनशील उपभोग पैटर्न के कारण संगठित रिटेल तथा फूड सर्विस इंडस्ट्रीज एक नए कोल्ड चेन सेगमेंट के रूप में उभरी है। उपभोक्ता की मांग बढ़ने से ताजा फल एवं सब्जियों, दूध से बने उत्पादों, मांस एवं पोल्ट्री उत्पादों एवं अन्य तापमान नियंत्रित वस्तुओं ने कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाया है।